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Day 351 – “Market Profile में Value Area क्या होता है?”

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|| 365-दिन स्टॉक मार्केट मास्टर प्लान ||
जहाँ बाजार की असली कीमत बनती है, वही बनता है Value Area।”


1. Value Area का परिचय:

  • Value Area वह प्राइस रेंज है जिसमें कुल ट्रेडिंग वॉल्यूम का लगभग 70% से 80% हिस्सा होता है।
  • यह मार्केट की वह “कम्फर्ट जोन” होती है, जहाँ अधिकांश ट्रेडर्स सहमति से कीमत स्वीकार करते हैं।

2. Value Area के घटक:

  • Value Area High (VAH): रेंज का ऊपरी सीमा।
  • Value Area Low (VAL): रेंज का निचला सीमा।
  • Point of Control (POC): रेंज का वह प्राइस जहां सबसे ज़्यादा वॉल्यूम ट्रेड हुआ।

3. Value Area का महत्व:

  • प्राइस जब VAH से ऊपर जाता है, तो बाजार संभावित रूप से बुलिश होता है।
  • प्राइस जब VAL से नीचे गिरता है, तो बियरिश सिग्नल मिलता है।
  • Value Area के बाहर प्राइस आमतौर पर अस्थिर रहता है, जो बदलाव की संभावना दिखाता है।

4. आज का टास्क:

  • एक स्टॉक या इंडेक्स का Market Profile निकालें।
  • Value Area High, Value Area Low, और POC को पहचानें।
  • देखें कि प्राइस ने Value Area के किनारे कैसे रिएक्ट किया।
  • ट्रेडिंग नोट्स में इसका रिकॉर्ड रखें और आज एक ट्रेडिंग निर्णय बनाएं।

5. माइंडसेट टिप:

  • मार्केट में हमेशा “Value Area” को समझना ज़रूरी है, क्योंकि यही वह क्षेत्र है जहाँ अधिकतर ट्रेडर्स सहमत होते हैं।
  • Value Area के बाहर के मूवमेंट को ज्यादा महत्व न दें, क्योंकि वह अक्सर फेक या अस्थायी होते हैं।

6. आज का मंत्र:

जहाँ अधिकतर समझौता हो, वही बनता है बाजार का असली आधार।”


 

Disclaimer:

सभी जानकारी केवल शैक्षणिक उद्देश्य (Educational Purpose) के लिए प्रदान की गई है। यह कोई निवेश सलाह (Investment Advice) नहीं है।

पाठकों से निवेदन है कि वे किसी भी निवेश निर्णय से पहले अपने वित्तीय सलाहकार (Financial Advisor) से परामर्श अवश्य लें।

यह ब्लॉग SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है और किसी भी लाभ या हानि के लिए लेखक या वेबसाइट उत्तरदायी नहीं होगी।

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