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Day 338 – “Volume Spread Analysis (VSA): वॉल्यूम के रहस्य जानो”

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📚 Table of contents

|| 365-दिन स्टॉक मार्केट मास्टर प्लान ||
प्राइस मूवमेंट के पीछे छुपी वॉल्यूम की ताकत को समझो, तभी बनेगा सही निर्णय।”


1. Volume Spread Analysis (VSA) क्या है?

  • VSA एक तकनीक है जो प्राइस और वॉल्यूम के बीच संबंध का विश्लेषण करती है।
  • यह बताती है कि बाजार में खरीददार और बिकवाले कब सक्रिय हैं।

2. मूल बातें:

  • Spread: प्राइस का हाई और लो के बीच का अंतर।
  • Volume: किसी भी दिन कुल ट्रेडेड शेयर की संख्या।
  • VSA में देखते हैं कि वॉल्यूम और स्प्रेड किस प्रकार से बदल रहे हैं।

3. VSA के प्रमुख संकेत:

  • High volume + Narrow spread: शंका, बाजार दबाव में हो सकता है।
  • High volume + Wide spread: मजबूत खरीद या बिक्री का संकेत।
  • Low volume + Wide spread: बाजार कमजोर, फेक मूव हो सकता है।
  • Low volume + Narrow spread: बाजार स्थिर या रेंज में।

4. कैसे करें अभ्यास:

  • किसी स्टॉक के दिन के प्राइस स्प्रेड और वॉल्यूम को नोट करें।
  • देखें कि वॉल्यूम और स्प्रेड में अनियमितताएं या बढ़ोतरी कब हो रही है।
  • मार्केट मूवमेंट के साथ तुलना करें।

5. आज का टास्क:

  • एक इंडेक्स या स्टॉक का पिछले 15 दिनों का चार्ट लें।
  • VSA के सिद्धांतों के हिसाब से वॉल्यूम और स्प्रेड का अध्ययन करें।
  • कम से कम दो बार ऐसे मौके पहचानें जहां VSA से मार्केट मूव की भविष्यवाणी हो।

6. ट्रेडिंग टिप:

  • VSA के साथ हमेशा प्राइस एक्शन का ध्यान रखें।
  • अकेले वॉल्यूम से ट्रेड न करें, इसका इस्तेमाल मार्केट की पुष्टि के लिए करें।

7. आज का मंत्र:

वॉल्यूम बोले, सुनो ध्यान से, सफलता होगी निश्चित।”


 

Disclaimer:

सभी जानकारी केवल शैक्षणिक उद्देश्य (Educational Purpose) के लिए प्रदान की गई है। यह कोई निवेश सलाह (Investment Advice) नहीं है।

पाठकों से निवेदन है कि वे किसी भी निवेश निर्णय से पहले अपने वित्तीय सलाहकार (Financial Advisor) से परामर्श अवश्य लें।

यह ब्लॉग SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है और किसी भी लाभ या हानि के लिए लेखक या वेबसाइट उत्तरदायी नहीं होगी।

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